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क्या करेँ और क्या ना करेँ!

क्या करेँ: कैसा जीवन जीएँ।

निम्नलिखित प्राथमिकताएँ इतनी सामान्य हैँ और फिर भी इन्हेँ सही प्रकार से और क्रमवार अनुसरण करना कठिन है।

  1. ठीक से नींद लेँ; नींद से भरे होने की अवस्था (उन्निद्रा!) मेँ न गाड़ी चलाएँ, ना ही कोई महत्वपूर्ण काम करेँ। सुबह उठने के बाद सूरज के प्रकाश में थोड़ा समय रहें। जाड़े के महीनों में दोपहर में भी धूप सेँकेँ।
  2. स्वास्थ्य-वर्धक खाएँ, चबा-२ कर खाएँ, मैदा न खाएँ। (एक प्राणी के रूप मेँ)
  3. मानसिक संतुलन बनाए रखेँ। * करीबी लोगोँ और मित्रोँ से मिलते रहेँ या फ़ोन किया करेँ। ईर्ष्या और अहंकार से सावधान रहेँ। (एक चेतन जीव के रूप मेँ)
  4. खुश रहने का प्रयास करेँ; स्वच्छता बनाए रखेँ; शरीर की दुर्गंध को दूर करने के लिए प्राकृतिक तत्वोँ से बने साबुन का उपयोग कर स्नान करेँ। (एक सामाजिक व्यक्ति के रूप मेँ)
  5. यदि आप शाकाहारी हैँ, तो अपने शरीर मेँ खनिजोँ (जिंक, मैग्नीशियम, कैल्शियम, सेलेनियम, आयोडीन, आयरन...), विटामिन्स (B12, D3, A, फोलेट, B6...) और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स के स्तरोँ को बनाए रखने के लिए अपने रक्त की जाँच कराएँ। ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर के स्तरोँ की भी जाँच कराएँ। यदि आप प्रोसेस्ड (मशीनोँ से विकृत किए गए) आहार का सेवन करते हैँ, तो LDL स्तर की भी जाँच कराएँ। हमारा शरीर B12 को उत्पन्न / संश्लेषित नहीँ कर सकता। आवश्यक स्वास्थ्य सप्लीमेन्ट्स (आहार पूरकोँ) के बारे मेँ सही जानकारी हासिल करेँ।
  6. फाइबर, [कॉम्प्लेक्स] कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आदि का संतुलित सेवन करेँ।
  7. परिवार के सदस्योँ व अन्य लोगोँ की सहायता करेँ। आसपास के लोगोँ को प्रसन्न रखने का प्रयास करेँ। (एक गृहस्थ/गृहिणी की भूमिका मेँ)
  8. स्वास्थ्य, समय, और ऊर्जा की सीमाओँ के भीतर कम से कम चार दिन प्रति सप्ताह व्यायाम करेँ।
  9. अध्ययन करेँ या कमाई के लिए काम मेँ लगेँ। (एक उपयोगी व्यक्ति की भूमिका मेँ)

बहुत से लोग इससे बिल्कुल उल्टा करते हैँ, जैसे कि कड़ी मेहनत करना और ठीक से नहीँ सोना। यह ऐसी बात है जैसे कि, एक घोड़ा किसी बग्घी को खीँचने की बजाय उसे धक्का दे रहा हो!

* यदि आवश्यक हो तो एक से अधिक मानसिक रोग विशेषज्ञ से सहायता लेँ। किसी आहार विशेषज्ञ से आप के लिए आवश्यक/उपयोगी सप्लीमेन्ट्स, विटामिन्स, खनिज-तत्व, ओमेगा 3 फैटी एसिड्स व अल्प-मात्रा मेँ लगने वाले अन्य तत्वोँ की जानकारी लेँ।

पोषक-तत्व और व्यायाम केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीँ, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक हैँ। हमारे दिल के लिए जो अच्छा है, वह हमारे दिमाग के लिए भी अच्छा है!

अपने मुख्य व्यापार, व्यवसाय, या कर्तव्य को समझेँ और इसे अपने अतिरिक्त/अस्थायी व्यापार या शौक (रुचि/चाहत) से अलग करेँ। इस विचार का सफल व्यवसायी और प्रशिक्षित व्यक्ति अनुसरण करते हैँ। अनेकोँ सफल व्यक्तियोँ की एकमात्र समस्या यह लगती है कि, वे उनके लिए उपयोगी लोगोँ और बाकी हम सभी के बीच भेदभाव करते हैँ।


क्या नहीँ करना चाहिए

  1. गाँजे, अफ़ीम आदि नशोँ (नारकॉटिक्स) का उपयोग कभी न करेँ, धूम्रपान न करेँ, तंबाकू न चबाएँ, मदिरा/दारू का सेवन न करेँ, आदि।** (एक प्राणी के रूप मेँ)
  2. लालची, आत्मकेन्द्रित या चालाक बनकर अन्योँ को ठेस पहुंचाने से बचेँ। (एक अच्छे मानव के रूप मेँ)
  3. हानिकारक गतिविधियोँ और नकारात्मक व्यक्तियोँ से बचेँ।
  4. विकृत (जहरीले) विचार वाली गतिविधियोँ और अपराधी प्रवृत्ती वाले लोगोँ से दूर रहेँ।

** अपनी हानिकारक आदतेँ छोड़ना बहुत कठिन नहीँ है। अपनी बुरी आदतोँ के बिना एक बेहतर जीवन की तरफ बढ़ेँ। दृढ़ निश्वय के साथ इन आदतोँ का सामना करने का निर्णय करेँ। आप - 'मैँ कभी ऐसा नहीँ करूँगा या वैसा करूँगा' कहने की बजाय, यह कहेँ - 'यह बुरी आदत मेरे (अनमोल) जीवन को परिभाषित नहीँ कर सकती। मैँ इससे जितना संभव हो सके बचुँगा।'

यदि आप नियमित अंतराल पर भी नशा या धूम्रपान आदि कर रहे हैँ (जैसे केवल प्रत्येक रविवार को) तो भी आप इस बुराई से बंधे हैँ। आप पूरे हफ्ते कई बार उसके लिए तड़पेंगे! अपने आप को सिद्ध (साबित) करने के लिए, किसी हानीकारक कार्य का आरंभ या बुरी चीज का सेवन यह सोच कर कि आप उसे नियंत्रित कर सकते हैँ, न करेँ। खुद को क्षति न पहुंचाएँ और अपनोँ को दुखी न करेँ? क्या आपको यह पता है कि ये आदतेँ आपकी शारीरिक व मानसिक कमजोरी का कारण बन सकती हैँ। शायद यौन असमर्थता का भी कारण बन जाए?

माना जाता था कि कम मात्रा मेँ उच्च गुणवत्ता वाली वाईन (अंगुर से बनी दारू) का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लाभकारी हो सकता है। नए अनुसंधान के अनुसार यह सिद्ध हुआ है कि, दारू हृदय की कार्यप्रणाली को बिगाड़ सकती है। मदिरापान (दारू-पीना) यह धूम्रपान और मोटापे के बाद कैन्सर का तीसरा रोका जा सकने वाला कारण है! कभी-कभार, जैसे कि कड़कड़ाती ठंड मेँ खुले आसमान के नीचे, हमारे लिए, शायद बहुत छोटी मात्रा (20 मिलीलीटर से कम) मेँ वाईन का सेवन थोड़ा सहायक हो सकता है!


चबा-२ कर खाएँ, अच्छी नींद लेँ व लोँगोँ से अच्छा व्यवहार करेँ।




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The recent passage of the Waqf (Amendment) Bill by India's both the Houses of Parliament has sparked significant opposition from Islamists, Sunni Muslim organizations and Jihadi leaders. The bill proposes to limit the unlimited powers that Waqf boards used to enjoy.

One amendment ensures representation from all sects of Islam, including Shia and other minority groups, whereas the original Waqf Act was mainly for Sunnis.

The Waqf (Amendment) Bill aims to limit excessive and unconstitutional powers that Waqf boards used to enjoy. Under the old Waqf Act, Waqf boards had the authority to declare any property as 'Waqf property' without proper judicial oversight, often leading to disputes, encroachments, and land grabbing. The amendments seek to introduce more transparency and legal accountability in how Waqf properties are identified and managed.



Updated: Oct 23

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