खाली समय मेँ मस्तिष्क/मन का भटकाव
नई खोजों से हमें पता चलता है कि हम जब कुछ भी नहीं कर रहे होतेँ हैँ तो हमारा मस्तिष्क/मन (brain/mind) निचे दिए गए कार्यों मेँ से कोई कार्य कर रहा होता है -
- अनियंत्रित रूप से भटकाव - किसी भी विषय या वस्तु का ध्यान आना या पूरी तरह काल्पनिक [या भविष्य मेँ घट सकने वाली] घटना के बारे मेँ सोचना,
- पिछले अनुभवों को याद करना,
- दूसरों की मानसिक व सामाजिक स्थिति या उनके सुख-दुख के बारे में सोचना,
- भविष्य की कल्पना, और
- भाषा को समझने और उपयोग करने की क्रिया (processing language)।
जब भी हमें ध्यान आए कि हम दूसरों की मानसिक व सामाजिक स्थिति या उनके सुख-दुख के बारे में सोच रहे हैँ तो हमेँ किसी उपयोगी विषय के बारे में पढ़ना या किसी महत्वपूर्ण कार्य के बारे मेँ सोचना चालू कर देना चाहिए। पिछले अनुभवों को बार बार याद करना भी व्यर्थ क्रिया है। इसके बदले अपने रुचि की क्रिया जैसे गाने सुनने या अन्य सुख/शांति प्रदान करने वाले कार्य को करना चाहिए।
मन की भटकाव एक अवस्था है जब मन विचारों के साथ चिन्तन न करते हुए अनियंत्रित रूप से भटकता है और विभिन्न विषयों पर स्वचालित रूप से सोचता है। यह अवस्था ध्यान से करने वाले कार्यों को बाधित कर सकती है और ध्यानपूर्वक कार्य करने की क्षमता को कम कर सकती है। यह ध्यान की विचारशीलता और सक्रियता को प्रभावित कर सकता है, और व्यक्ति को अपने विचारों, स्मृतियों, या भविष्य की कल्पनाओं में खो जाने की अनुभूति होती है।
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