स्वस्थ आँखों के लिए: आँखों की देखभाल और सुरक्षा
डॉ. सुरेन्द्र कुमार गुप्ता, गोंदिया, महाराष्ट्र के निवासी द्वारा दी गई जानकारियों व सुझाए गए इन उपायों को पढ़ें।
- विषेश उपायों के बिना, खुली आँखों से सुर्य-ग्रहण देखने से आँखों के परदों को हमेशा के लिए नुकसान हो जाता है।
- खुली आँखों से ईलेक्ट्रिक वैल्डिंग जैसी तेज चिंगारी को बिल्कुल न देखें। तेज आग की लपटों को लगातार देखने से बचें।
- सुर्य नमस्कार करते समय सुर्य को न देखें। केवल सुर्योदय या सुर्यास्त के समय ही ३-४ सेकंड में पलक झपकाते हुए २-३ मिनट के लिए सुर्य को देख सकते हैं। सुर्य को देखने का कोई लाभ नहीं होता है, पर सुर्य नमस्कार एक अच्छा व्यायाम है।
- तेज धूप, तेज हवा से आँखों का बचाव करें, गॉगल या चश्मा लगाएँ। दोपहिया वाहन पर सवारी करते समय हैलमॅट की स्क्रीन या चश्मा लगाएँ।
- आँख में धूल या कचरा आदि जाने पर मलें या रगड़े नहीं। पीने योग्य शुद्ध पानी से २-३ मिनट तक आँख धोएँ। १-२ घंटे बाद भी खटकते रहने पर डॉक्टर को दिखाएँ।
- गंदे पानी से आँखों को ना धोएँ। आँखों में सुखा-पन लगने पर फ़िल्टर किए गए पानी की एक-दो बुंदें आँखों में डाले। बार-बार आँखों में सुखा-पन लगने पर डॉक्टर को दिखाएँ।
- दृष्टि दोष को सुधारने का चश्मा बनवाए हो तो उसका उपयोग करें। अगर चश्मा पहनने से असुविधा हो रही हो तो डॉक्टर या ऑप्टिशियन (चश्मेवाले) को दिखाएँ।
- पाठशाला जाने वाले बच्चों की आँखों की जाँच प्रतिवर्ष कराएँ।
- चालीस साल से अधिक आयु के लोगों की आँखों की जाँच २ साल में कराएँ। इस आयु के बाद दूर की दृष्टि, पास की दृष्टि या दूर-पास दोनों की दृष्टि में समस्या आने लगती है।
- अधिक नंबर वाले लोगों व बच्चों को एक से अधिक चश्में रखना चाहिए।
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