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अपनी आवश्यकतानुसार चश्मे का चुनाव करें

  • यदि आपको मेटल या प्लास्टिक की फ्रेम से एलर्जी है तो एसिटेट की फ्रेम लें।
  • अधिक नंबर होने पर फ़ाईबर या प्लास्टिक के लॅन्स ही पहने।
  • यदि आपका नंबर अधिक है तो एक टिकाऊ व मजबूत फ़ेम अवश्य रखेँ।

चश्मे की देखभाल करें

  • दोनो हाथों का उपयोग करके चश्मे को उतारेँ (निकालेँ) और पहनेँ।
  • दो-चार दिन मेँ एक बार साफ पानी से चश्मा धोएँ। धोने के बाद सूखे एवम् साफ कपड़े से चश्मा पोँछे।
  • चश्मे के महंगे लॅन्सेस् को साफ माइक्रो-फ़ाईबर (Microfiber) वाले कपड़े से पोँछेँ।
  • नरम ब्रश से नोज़-पैड साफ करेँ।
  • चश्मे को डब्बी में रखेँ या फिर अल्मारी में रखें।
  • चश्मे को एक ही जगह हमेशा रखें ताकि आवश्यकता पड़ने पर तुरंत मिल सके।
  • कार के डेश-बोर्ड पर या मोटरसायकल की डिक्की मेँ चश्मा न रखेँ।

चश्मे से संबंधित अन्य जानकारियाँ

  • नए चश्मे की आदत होने में कुछ समय लगता है।
  • आठ दस दिन नया चश्मा पहनने के बाद भी असुविधा (Disorientation) होने पर चश्मेवाले से मिले।
  • ढीला या तिरछा हो जाने पर चश्मे को अपने चहरे के अनुसार चश्मेवाले से ठीक (फिट) कराएँ। सीधा या टाईट (संग) करते समय चश्मे मेँ टूट-फूट की संभावना रहती है।
  • गहरी खरोँच लगे लॅन्स का उपयोग न करेँ।
  • साल डेढ़ साल में आँखों की जाँच अवश्य कराएँ।
  • डॉक्टर द्वारा दिए गए रिकार्ड को संभालकर रखें।
  • चश्मे को धूप में न रखेँ।
  • दोपहिया वाहन चलाते समय चश्मा अवश्य पहनेँ।

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Posted: Feb 24

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